2000 के नोट से लेकर UPI तक, साल 2023 में बैंकिंग सिस्टम में हुए ये 4 बड़े बदलाव

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हर साल की तरह इस साल भी देश में कई बड़े बदलाव हुए हैं. बैंकिंग सिस्टम में भी कई चीजें बदली हैं. 2000 के नोट से लेकर UPI लिमिट तक इस साल बदली गई है. अब जब साल का आखिरी महीना खत्म होने में चंद दिन रह गए हैं तो आइए जानते हैं कि साल 2023 में बैंकिंग सिस्टम में हुए 4 बड़े बदलाव के बारे में…

साल का आखिरी महीना खत्म होने में महज 8 दिन बचे हैं. हर साल की तरह इस साल भी देश में कई बदलाव हुए हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी पर पड़ा है. साल 2023 में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग सिस्टम में कई बड़े बदलाव किए. 2,000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने से लेकर यूपीआई तक में कई बड़े बदलाव हुए हैं. हाल ही में RBI ने UPI के नियमों में बदलाव भी किया है. ऐसे में आइए आपको डिटेल में बताते हैं इस साल बैंकिंग सिस्टम में क्या-क्या बदला है…

 

ये हुए बदलाव
बदलाव 1: सर्कुलेशन से बाहर हुए 2000 के नोट

इस साल 19 मई को RBI ने 2000 के नोटों पर बड़ा फैसला लिया था. जिसके बाद से पूरे देश में हाहाकार मच गया था. 19 मई, 2023 को 2,000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर दिया गया था. यानी इन नोटों की छपाई अब रिजर्व बैंक में नहीं होती है. केंद्रीय बैंक ने इसके पीछे क्लीन नोट पॉलिसी का हवाला दिया था. हालांकि, 2,000 के नोट को इलीगल नहीं किया, वो अभी भी लीगल टेंडर के तौर पर मान्य हैं. करीब 4 महीने का समय 2000 के नोट वापस करने या बदलवाने के लिए दिया गया था. अबतक RBI के पास 97 फीसदी नोट वापस आ चुके हैं.

बदलाव 2: अनसिक्योर्ड लोन पर RBI का एक्शन

रिजर्व बैंक के इस फैसले से आपकी जेब पर बोझ कहीं ज्यादा भारी होने वाला है. आने वाले दिनों में क्रेडिट कार्ड लेने या कंज्यूमर लोन लेने के लिए लोगों को थोड़ा मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. दरअसल, आरबीआई ने बैंकों और नॉन-बैकिंग फाइनेंस कंपनी के लिए अब कंज्यूमर क्रेडिट लोन का रिस्क वेटेज 25 फीसदी बढ़ा दिया है. इसका मतलब कि अनसिक्योर्ड लोन डूबने के डर को देखते हुए बैंकों को अब पहले से 25 फीसदी ज्यादा प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी. बैंकों और एनबीएफसी के लिए अभी तक कंज्यूमर क्रेडिट का रिस्क वेटेज 100 फीसदी था, जिसे अब बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया गया है.

बदलाव 3: UPI में हुए ये बदलाव

इस साल रिजर्व बैंक ने UPI पेमेंट की ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ा दिया है. यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. हालांकि, ये सुविधा हॉस्पिटल और स्कूल-कॉलेजों में यूपीआई ट्रांजैक्शन को लेकर की गई है.

बदलाव 4: अप्रैल से नहीं बढ़ा रेपो रेट

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अप्रैल के बाद से अभी तक जितनी भी मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक हुई है, उसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. रेपो रेट अभी 6.5 फीसदी पर है. पिछली बार रेपो रेट में बढ़ोतरी फरवरी 2023 में हुई थी. आसान शब्दों में कहें तो महंगाई और लोगों की जेब का ध्यान रखते हुए RBI ने eMI का खर्च नहीं बढ़ाया है.

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